रिश्ते निभाए जाते हैं, तभी तो रिश्ते कहलाते हैं

आज सुबह जैसे ही मैंने अपने मोबाइल का इनबॉक्स चेक किया तो उसमें क्रिसमस की बधाई के ढेर सारे message थे. लेकिन उन सभी messages में से एक message मुझे बहुत ज्यादा attractive लगा. उस message को मैं ज्यों का त्यों यहाँ share कर रहा हूँ.

Fasle Hote Nahi, Banaye Jate Hai.

Milo Dur Rahkar bhi, Rishte Nibhaye Jate Hai.

Dikhawe se Zindgi Nahi Chalti,

Qyoki Kuchh Rishte Bharose Se Nibhaye Jate Hai.

In Hindi;

फासले होते नहीं, बनाये जाते हैं.

मीलों दूर रहकर भी, रिश्ते निभाए जाते हैं.

दिखावे से जिंदगी नहीं चलती,

क्योंकि कुछ रिश्ते भरोसे से निभाए जाते हैं.

Friends, इन चंद लाइनों में किसी ने रिश्तों के बारे में कितनी गहराई से और खूबसूरती से रिश्तों की सच्चाई को सामने रख दिया.

कुछ साल पहले भी मुझे मेरे एक मित्र का SMS मिला था;

Rishte, rishtey par hindi me vichar, risho ke bare me article hindi me, rishto ki ahmiyat, rishtey nibhaye jate hai

रिश्ते तितलियों की तरह होते हैं,

इन्हें अगर जोर से पकड़ो तो उड़ जाते हैं.

और अगर धीरे से पकड़ो तो अपना रंग छोड़ जाते हैं...

पिछले दिनों उसी मित्र से फिर मुलाकात हुई और उसने मुझे फिर से रिश्तों की एक नई इबारत के बारे में बताया.

जिंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिन्हें परिभाषित करना या नाम देना बड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि हमने कभी उन रिश्तों के बारे में गहराई से कभी नहीं सोचा, बस निभाते चले आये. जब कभी रिश्तों को लेकर चोट लगती है या फिर अपना फ़र्ज़ निभाने का वक़्त आता है तो फिर सोचने को मजबूर हो जाते है कि "ये रिश्ता क्या कहलाता है...?"

रिश्ते तो निभाने के लिए होते हैं. वक़्त पर ही रिश्तों की सही पहिचान होती है. इसीलिए तो लोग कहते हैं वक्त पड़ने पर सारे गिले शिकवे मिटाकर किसी का साथ देना चाहिए. किसी इंसान का मुश्किल वक़्त ही तो सही समय होता है जब रिश्तों का फ़र्ज़ निभाया जाता है और अगर यहीं चूक गए तो फिर "वक़्त" शायद हमें दोबारा मौका न दे अपनी दोस्ती और वफादारी निभाने का.

किसी इंसान का मुश्किल वक़्त ही तो वो समय होता है जब हमारे भरोसे और अपनेपन की पहिचान होती है और फिर शिकवे शिकायत के लिए तो सारी उम्र पड़ी है. और क्या हुआ अगर हम अपने गिले शिकवे नहीं कर पाए तो? कुछ रिश्ते होते ही ऐसे हैं जहाँ हम हार कर भी जीतते हैं, जहाँ हम कुछ खोकर भी कुछ पाते हैं. हमारे मन में जिसके प्रति अपनत्व, प्रेम या स्नेह है उसकी ख़ुशी में ही तो हमारी ख़ुशी होती है.

हमारी थोड़ी सी help या हमदर्दी अगर किसी के लिए संबल बन जाये तो उसमें कंजूसी करने से हम कितने गरीब हो जायेंगे, कभी सोचा है आपने...?

आपके दोस्त या अपने वाले का आखिरकार ये वक़्त तो गुजर ही जाएगा, लेकिन वो जिंदगी में हमेशा आपको याद रखेगा कि वक्त पड़ने पर आप भी बेगाने हो गए थे. और जब कोई इंसान वक्त पर कम नहीं आता तो फिर उसकी क़दर ही कितनी रह जाती है?

कितना दम है किसी की इन चंद लाइनों में

जिंदगी में किसी का साथ काफी है, कंधे पर किसी का हाथ काफी है.

दूर हो या पास फ़र्क नहीं पड़ता, सच्चे रिश्तों का बस एहसास ही काफी है.

कुछ खोकर भी कुछ पाया जाता है और बहुत कुछ पाकर भी झोली खाली रह जाती है. अगर हम हमर कुछ खोने के बाद भी किसी की जिंदगी में कुछ खुशहाली ला पाए तो शायद हम बहुत ही खुशनसीब हुए क्योंकि हमने अपने रिश्तों को तो पूरी ईमानदारी और शिद्दत के साथ निभाने में कामयाब हो पाए..!

इन लाइनों में कितनी समझदारी और गहराई है:

You can never make the same mistake twice.

Because the second time it's not a mistake, It's a choice.

Friends, life बहुत सारी चीजों के लिए हमें सिर्फ एक बार ही मौका देती है. हमें अपना फ़र्ज़ निभाने के उस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए. वक़्त की नजाकत समझकर सही समय पर सही कदम उठा लेना चाहिए. कहीं न फिर देर हो जाए...

कई लोग रिश्तों और रिश्तों की अहमियत को समझ नहीं पाते. कई रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिन्हें समझना या व्यक्त कर पाना मुश्किल होता है. कुछ रिश्ते लोग जान कर भी बिगाड़ लेते हैं. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो रिश्तों को बदनाम करते हैं. लेकिन सच्चाई चाहे जो भी हो ये तो सही बात है कि रिश्तों को सहेजने और सँवारने की जरुरत होती है, और बहुत कम लोग ही रिश्तों की कसौटी पर खरे उतर पाते है.

रिश्ते चाहे कैसे भी हों उन्हें निभाने वालों की ही तारीफ़ होती है. फिर एक बात कर्तव्य की भी तो आती है. दूसरा अपने कर्तव्य को नहीं समझ पाया लेकिन आप ने अपने कर्तव्यों को कितनी गंभीरता से निभाया? आप का किसी के प्रति क्या कर्तव्य था उसे आपने कितनी गंभीरता से निभाया.

कितनी अच्छी लगती हैं ये लाइने:

रोतों को हँसाना ही है ज़िन्दगी, रूठों को मनाना ही है जिंदगी.

हसरतें जिंदगी की कुछ भी हों, उन्हें खुश रखना ही तो है जिंदगी.

रिश्ते निभाने में भी तो खुशियाँ मिलती हैं.

माना कि हम उनके लिए कुछ भी नहीं थे, मगर शुक्रिया-ए-जिंदगी.

तूने हमें उनके किसी काम आने का, मौका तो दिया.

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2 टिप्पणियाँ

Amrita Sabat ने कहा…
very nice post. Rishtey nibhaaney se hi gehrey bantey hain, nahi toh lataktey rehte hain.....:)
Anil Sahu ने कहा…
It is also very nice that you are here Amrita Ji. Please keep reading and sharing your valuable ideas and suggestions.