Fasle Hote Nahi,
Banaye Jate Hai.
Milo Dur Rahkar bhi
Rishte Nibhaye
Jate Hai.
Dikhawe se
Zindgi Nahi Chalti,
Qyoki
Kuchh Rishte
Bharose Se
Nibhaye Jate
Hai.In Hindi;
फासले होते नहीं,
बनाये जाते हैं.
मीलों दूर रहकर भी
रिश्ते निभाए जाते हैं.दिखावे से
जिंदगी नहीं चलती,
क्योंकि
कुछ रिश्ते
भरोसे से
निभाए जाते हैं.Friends, इन चंद लाइनों में किसी ने रिश्तों के बारे में कितनी गहराई से और खूबसूरती से रिश्तों की सच्चाई को सामने रख दिया.कुछ साल पहले भी मुझे मेरे एक मित्र का SMS मिला था;

इन्हें अगर जोर से पकड़ो तो
उड़ जाते हैं
और अगर धीरे से पकड़ो तो
अपना रंग छोड़ जाते हैं….पिछले दिनों उसी मित्र से फिर मुलाकात हुई और उसने मुझे फिर से रिश्तों की एक नई इबारत के बारे में बताया.
जिंदगी में कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिन्हें परिभाषित करना या नाम देना बड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि हमने कभी उन रिश्तों के बारे में गहराई से कभी नहीं सोचा, बस निभाते चले आये. जब कभी रिश्तों को लेकर चोट लगती है या फिर अपना फ़र्ज़ निभाने का वक़्त आता है तो फिर सोचने को मजबूर हो जाते है कि”ये रिश्ता क्या कहलाता है…?”
रिश्ते तो निभाने के लिए होते हैं. वक़्त पर ही रिश्तों की सही पहिचान होती है. इसीलिए तो लोग कहते हैं वक्त पड़ने पर सारे गिले शिकवे मिटाकर किसी का साथ देना चाहिए. किसी इंसान का मुश्किल वक़्त ही तो सही समय होता है जब रिश्तों का फ़र्ज़ निभाया जाता है और अगर यहीं चूक गए तो फिर “वक़्त” शायद हमें दोबारा मौका न दे अपनी दोस्ती और वफादारी निभाने का.
किसी इंसान का मुश्किल वक़्त ही तो वो समय होता है जब हमारे भरोसे और अपनेपन की पहिचान होती है और फिर शिकवे शिकायत के लिए तो सारी उम्र पड़ी है. और क्या हुआ अगर हम अपने गिले शिकवे नहीं कर पाए तो? कुछ रिश्ते होते ही ऐसे हैं जहाँ हम हार कर भी जीतते हैं, जहाँ हम कुछ खोकर भी कुछ पाते हैं. हमारे मन में जिसके प्रति अपनत्व, प्रेम या स्नेह है उसकी ख़ुशी में ही तो हमारी ख़ुशी होती है.
हमारी थोड़ी सी help या हमदर्दी अगर किसी के लिए संबल बन जाये तो उसमें कंजूसी करने से हम कितने गरीब हो जायेंगे, कभी सोचा है आपने…?
आपके दोस्त या अपने वाले का आखिरकार ये वक़्त तो गुजर ही जाएगा, लेकिन वो जिंदगी में हमेशा आपको याद रखेगा कि वक्त पड़ने पर आप भी बेगाने हो गए थे. और जब कोई इंसान वक्त पर कम नहीं आता तो फिर उसकी क़दर ही कितनी रह जाती है?
कितना दम है किसी की इन चंद लाइनों में
जिंदगी में किसी का साथ काफी है,
कंधे पर किसी का हाथ काफी है.
दूर हो या पास फ़र्क नहीं पड़ता,
सच्चे रिश्तों का बस एहसास ही काफी है.
कुछ खोकर भी कुछ पाया जाता है और बहुत कुछ पाकर भी झोली खाली रह जाती है.
अगर हम हमर कुछ खोने के बाद भी किसी की जिंदगी में कुछ खुशहाली ला पाए तो शायद हम बहुत ही खुशनसीब हुए क्योंकि हमने अपने रिश्तों को तो पूरी ईमानदारी और शिद्दत के साथ निभाने में कामयाब हो पाए..!
इन लाइनों में कितनी समझदारी और गहराई है:
You can never make
the same mistake twice,
Because the second time it’s not a mistake,
It’s a choice.
Friends, life बहुत सारी चीजों के लिए हमें सिर्फ एक बार ही मौका देती है. हमें अपना फ़र्ज़ निभाने के उस मौके को हाथ से नहीं जाने देना चाहिए. वक़्त की नजाकत समझकर सही समय पर सही कदम उठा लेना चाहिए. कहीं न फिर देर हो जाए…
कई लोग रिश्तों और रिश्तों की अहमियत को समझ नहीं पाते. कई रिश्ते ऐसे भी होते हैं जिन्हें समझना या व्यक्त कर पाना मुश्किल होता है. कुछ रिश्ते लोग जान कर भी बिगाड़ लेते हैं. कुछ लोग ऐसे होते हैं जो रिश्तों को बदनाम करते हैं. लेकिन सच्चाई चाहे जो भी हो ये तो सही बात है कि रिश्तों को सहेजने और सँवारने की जरुरत होती है, और बहुत कम लोग ही रिश्तों की कसौटी पर खरे उतर पाते है.
रिश्ते चाहे कैसे भी हों उन्हें निभाने वालों की ही तारीफ़ होती है. फिर एक बात कर्तव्य की भी तो आती है. दूसरा अपने कर्तव्य को नहीं समझ पाया लेकिन आप ने अपने कर्तव्यों को कितनी गंभीरता से निभाया? आप का किसी के प्रति क्या कर्तव्य था उसे आपने कितनी गंभीरता से निभाया.
Read this- Good life following principles
कितनी अच्छी लगती हैं ये लाइने:
रोतों को हँसाना ही है ज़िन्दगी,
रूठों को मनाना ही है जिंदगी,
हसरतें जिंदगी की कुछ भी हों,
उन्हें खुश रखना ही तो है जिंदगी.
रिश्ते और खुशियाँ
रिश्ते निभाने में भी तो खुशियाँ मिलती हैं.
माना कि हम उनके लिए कुछ भी नहीं थे,
मगर शुक्रिया-ए-जिंदगी
तूने हमें उनके किसी काम आने का
मौका तो दिया.
रिश्ते निभाए जाते हैं, तभी तो रिश्ते कहलाते हैं
very nice post. Rishtey nibhaaney se hi gehrey bantey hain, nahi toh lataktey rehte hain…..:)
It is also very nice that you are here Amrita Ji. Please keep reading and sharing your valuable ideas and suggestions.
समय पर यदि आपने रिश्ता निभाया तो समय आपका साथ देता है समय निकला तो पछताने के लिए भी समय नही मिलता
Shi bat h.kuch log rishtu ko unke financial status se measure krte h .lekin unko nhi pta ki sab din ek jaise nhi hote
Dhanyawad Hemant Ji.
बहुत ही प्रेरणातमत लिखते हैं मैं बहुत समय से आपके पोस्ट को फॉलो कर रहा हूँ
keep writing sir
Nice Post Bro..
Keep Posting such a posts.
Thanks Nikhil ji and Akshay ji.
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सही बात है कुछ लोग रिश्तो के कोई महत्त्व नहीं देते चाहे वह छोटा हो या बड़ा हो रिश्ता रिश्ता होता है आई लव माय फ्रेंड्स