सयाने आदमी की कीमत: Hindi Story

बहुत पहले की बात है एक बार किसी के घर शादी थी और बारात जा रही थी. घर के युवाओं ने फैसला लिया कि बारात में सिर्फ बच्चे और जवान ही जायेंगे, बूढ़े सयाने आदमियों को बारात में नहीं ले जाना है. ये बात जब घर के बूढ़े बुजर्गों को पता चली तब उन्होंने अपने बच्चों को समझाया कि तुम लोग गलती कर रहे हो. बूढ़े-सयाने आदमियों को भी साथ में ले चलो, ठीक रहता है. इतना समझाने के बाद भी बच्चे उन्हें साथ ले जाने के लिए तैयार नहीं हुए.

सयाने आदमी की कीमत हिंदी कहानी

उस घर के बूढ़े-सयानों में से एक ने सोचा कि ये बच्चे गलती कर रहे हैं और धोखा खायेंगे. इसलिए वो छुप कर बारात के साथ जाने वाले सामान में बैठ गया ताकि कोई समझ न पाए.

बारात लड़की वाले गाँव पहुँचने से पहले एक नदी पड़ती थी. नदी के उस पार गांव था. उस गांव का नियम था कि बारात कि अगवानी नदी के पार होती थी. बारात जब नदी किनारे पहुंची तो लड़की पक्ष वालों ने देखा कि बारात में सब जवान और बच्चे हैं, कोई बुढा-सयाना आदमी ही नहीं है तो उनके दिमाग में कुछ आया कि आखिर इतने बड़े परिवार में बूढ़े-बुजुर्ग तो होंगे मगर वो साथ क्यों नहीं आए. पुराने समय में अहाने-पहेलियाँ आदि बहुत चलती थीं और उनसे वो सामने वाले की बुद्धि-योग्यता की परीक्षा लेते थे.

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लड़की वालों ने बारातियों के सामने शर्त रखी कि हम बारात को नदी तब पार करने देंगे जब आप इसे दूध से भर दो. बाराती ये सुनकर परेशान हो गए, उन्हें समझ में नहीं आया कि अब क्या किया जाए. सारे बाराती सोच-सोच कर परेशान हो गए कि ऐसा कैसे संभव है.

Motivational स्टोरी सयाने आदमी की कीमत

जब बहुत देर हो गई और उन्हें कोई हल-रास्ता समझ में नहीं आया तब वो उस बूढ़े आदमी ने जो कि छुप कर बारात के साथ आया था कहा कि एक काम करो लड़की पक्ष वालों से कहो कि पहले तुम नदी को खाली करो तब हम उसे दूध से भरेंगे. ये सुन कर लड़की पक्ष के बड़े बुजुर्ग समझ गए कि जरुर इनके साथ कोई बड़ा-बुजुर्ग और सयाना आदमी है. तब उन्होंने कहा कि तुम्हारे साथ जो बुजुर्ग और सयाने आदमी हैं तुम उन्हें लेकर आओ तब हम बारात की अगवानी करेंगे और बारात को नदी पार करने देंगे.

बारातियों ने फिर ऐसा ही किया और फिर बारात का स्वागत सत्कार हुआ.

दोस्तों, इस छोटी सी कहानी का भावार्थ यही है कि आज की युवा पीढ़ी अपने ज्ञान और अनुभव के अहंकार के कारण अपने बड़े-बुजुर्गों को बिलकुल ही भूलते जा रहे हैं और उनकी शिक्षा और ज्ञान को महत्वहीन समझते हैं जबकि बूढ़े और बुजुर्गों के पास जिंदगी के अच्छे-बुरे और ऊंच नीच का विशाल भंडार है इसलिए उन्हें नजरअंदाज करना गलत है. हमें अपने बड़े-बूढों का ध्यान रखना चाहिए. उनके पास अनुभव का जो विशाल खजाना है उससे सीख लेना चाहिए. बूढ़े-सयानों के अनुभव की बहुत कीमत होती है.

निवेदन: दोस्तों, लोक कथाएं या फिर ऐसी कहानियाँ जो हमने अपने बड़े-बुजुर्गों से सुनी होती हैं अक्सर इनमें गहरा अर्थ होता है. ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है जो बुजुर्गों के मुंह से सुनी सुने है. आपको ये हिंदी कहानी (Hindi Story) सयाने आदमी की कीमत कैसी लगी, कृपया अपनी सोच और सुझाव comment के द्वारा हम तक जरुर पहुंचाए. धन्यवाद.

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1 टिप्पणियाँ

sunaina sharma ने कहा…
Very nice story.....will narrate it to my son......Stories like these teach good values to us all and stay with us for a long long time....:)