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Funny Hindi Kahaniyan. नमस्कार प्रिय पाठको हिंदी सक्सेस की कहानियाँ पढ़ने के लिए आपका दिल से स्वागत है। आज हिंदी सक्सेस आपके लिए दो मजेदार Hindi kahaniyan प्रस्तुत कर रहा है।
तो चलिए कहानियाँ पढ़ना शुरू करते है –
पहली कहानी :- दो मूर्ख शिष्य और गुरूजी Hindi Kahani
एक नगर की पाठशाला में एक गुरूजी रहते थे। इनके दो चेले थे। दोनों मुर्ख थे। एक दूसरे से बहुत जलते थे। एक शिष्य गुरूजी का दायाँ पैर मल-मल कर धोया करता और दूसरा चेला बायाँ पैर धोया करता था।
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एक दिन ऐसा हुआ कि गुरूजी ने उस चेले को जो उनका दाहिना पैर धोता था उसे किसी जरुरी काम से बाहर भेज दिया।
उसके जाने के बाद बायाँ पैर धोने वाले शिष्य से कहा ”आज तुम मेरा दायाँ पैर भी धो दो”
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उस मूर्ख चेले ने कहा में उसका पैर नहीं धोऊंगा वो मुझसे बहुत जलता है और लड़ता भी है।
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गुरूजी ने उसे बहुत समझाया तो वह पैर धोने के लिए राजी हो गया। लेकिन पैर धोने के बाद उस चेले ने गुरूजी के उस पैर को पत्थर से मार-मार कर तोड़ डाला।
गुरूजी दर्द के मारे चिल्लाने लगे। उनकी आवाज सुनकर दूसरे चेले दौड़े हुए आये और उन्होंने उस मूर्ख चेले को बहुत पीटा।
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दूसरे दिन दायाँ पैर धोने वाला चेला लोट आया और कल जो हुआ था उसका उसे पता चल गया। उसे बहुत गुस्सा आया और उसने भी उसकी तरह ही गुरूजी का दूसरा पैर भी तोड़ डाला।
इस प्रकार उन मूर्खो ने गुरूजी को हमेशा के लिए अपंग बना दिया।
आप पढ़ रहे हैं
Best Hindi Kahaniyan दो मूर्ख शिष्य और गुरूजी Hindi Kahani मूर्ख दामाद की मजेदार कहानी।
मूर्ख दामाद की मजेदार Hindi Kahani

एक मूर्ख था ! शादी के बाद वह पहली बार अपने ससुराल गया। उसकी सास दामाद को देखकर बहुत खुश हुई। उसने दामाद की आवभगत करने के लिए बढ़िया चावल निकाले। वह उनको साफ का रही थी कि अचानक सास को किसी काम से बाहर जाना पड़ा।
वह मूर्ख वही बैठा हुआ था। उसे वे चावल बहुत अच्छे लगे। जब सास बहार चली गयी। तो दामाद ने एक मुठ्ठी भर कर चावल अपने मुँह में डाल लिए। उसी समय सास भी वापस लोट आयी।
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वह मूर्ख घबरा गया। वह उन चावलों को न निगल सका और न उगल सका। उसका मुँह फूल गया और उसके लिए बोलना भी मुश्किल हो गया।
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यह देखकर उसकी सास बहुत परेशान हुई। यह अचानक मेरे दामाद को क्या हो गया ? उसने अपने पति को बुलाया। पति ने जब अपने दामाद का फुला हुआ मुँह देखा तो वह भी घबरा गया। एक दम भागता हुआ वैद्य जी के पास पहुंचा।
वैद्य जी ने आकर देखा तो कहा, ”ऐसा लगता है कि इसके गले में फोड़ा है इसकी ठोड़ी में सुराख करना पड़ेगा” तब यह सारी मवाद बाहर निकलेगी।
वह मूर्ख अब भी कुछ नहीं बोला वैद्य जी ने उसके गले में सुराख कर दिया लेकिन यह क्या उस सुराख से तो चावल निकल रहे थे।
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सास-ससुर और वैद्य जी ने जब यह देखा तो वे सब समझ गए और अपने दामाद की मूर्खता पर खूब हँसे।
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दोस्तों में लोकेश रेशवाल जो आपको यह कहानियां सुना रहा हूँ यदि आप मेरे द्वारा लिखी गयी और हिंदी कहानियां पढ़ना चाहते है तो आप नीचे दी गयी पोस्ट पर क्लिक करके डायरेक्ट मेरी साइट BestBook पर जा सकते है।
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तो फिर मिलते है एक और नयी कहानी के साथ।
धन्यवाद !
Very funny story.
nice post
काफी रोचक कहानी शेयर की है आपने
धन्यवाद
वाह लोकेश जी,
आपने बड़ी ही जबरदस्त कहानियां सुनाई। मूर्ख चेलों ने बेचारे गुरुजी के पैर तोड़ डाले।
और,
मूर्ख दामाद ने चावलों को मुँह में स्टोर करके रख लिया। दामाद जी वाली कहानी लोकडाउन में और भी ज्यादा प्रासंगिक लगती है।
शायद दामाद जी को लगा होगा कि लोकडाउन के चलते न जाने कौनसी चीज कब बंद हो जाए। इसलिए जितना हो सके, स्टोर करके रख लो।
अगर नहीं किया तो शराबियों वाली हालत हो जाएगी।
हाहाहाहाहाहा।
bahut hi rochak kahani hai thanku for post
आप की मूल्यवान प्रतिक्रियाओं के लिए सादर आभार।
🙏🙏