सपनों को साकार करें. दोस्तों, ज़िंदगी से हमें कई सपने, कई उम्मीदें और कई अरमान रहते हैं. बचपन के दिन में हो सकता है आप में से कई लोगों ने सपने देखे होंगे कि बड़ा होकर मैं ये बनूँगा, मैं वो बनूँगा, मैं बड़ा होकर ये खरीदूंगा, वो खरीदूंगा आदि ढेर सारे सपने, ढेर सारी उम्मीदें, ढेर सारे अरमान.
सपने देखना कोई ग़लत बात नहीं है. अमेरिका में भी एक गरीब लड़के ने कुछ सपने देखे थे महान बनने के और आज इतिहास में ऐसे लोगों के नाम अमर हैं.
बचपन के सपने
हमारे बचपन के सपने बड़े सुहावने होते हैं. मगर क्या हो जाता है जब हम बड़े होने लगते हैं? धीरे-धीरे हमारे कई सपने धूमिल होते जाते हैं, कई सपने वक़्त के साथ हमारी याददाश्त से गायब होते जाते हैं.
दोस्तों, सवाल यह है कि क्या हमें सपने देखना बंद कर देना चाहिए?
हम आए दिन अख़बारों में, पत्र-पत्रिकाओं में कई किस्से पढ़ते हैं कि अमुक आदमी ने अपने सपने सच कर दिखाए, फलां आदमी ने अपने सपनों को साकार किया.
अगर ये लोग कामयाबी के, ऊँचाई के सपने नहीं देखते तो क्या ये इस ऊँचाई तक पहुँच पाते?
शायद आपका जवाब होगा नहीं.
क्यों? इसका जवाब भी कुछ इस तरह होगा कि ये सपने ही थे जिन्होंने इन्हें राह दिखाई. ये सपने ही थे जो इन्हें विपरीत से भी विपरीत परिस्थितियों में हौसला बढ़ाते रहे. ये सपनों की ही ताक़त थी जो लगातार इन्हें उर्जा देती रही.
Apne Sapno ko Sakar Kare
बहुत से लोग थोड़ा-थोड़ा करके भी अपनी मंजिल तक पहुँच जाते हैं. अपने लक्ष्य या सपनों के लिए वो दिन रात एक कर देते हैं. ये सपने ही होते हैं जो हमें हारने नहीं देते. जब हमारे सपने हमारे लिए इतना अधिक support दे सकते हैं तो इसका मतलब सीधा सा है कि हमारे सपनों में बहुत अधिक ताक़त होती है.
दोस्तों, क्या हो जाता है जब हम खुद से निराश होने लगते हैं? जिंदगी हमें बड़ी कठिन लगने लगती है? हम में से कई लोग अपने पुराने सपनों को भूलने लगते हैं और वर्तमान के हालातों से समझौता करने लगते हैं.
हमारी जिंदगी हमें परिस्थितियों के हिसाब से जीना पड़ती है. वक़्त के साथ-साथ हम अपने सपनों को भूलते जाते हैं. शायद वक़्त का यही तकाजा होता है और हम में से कई लोग इसी तरह जीते हैं.
मगर क्या आपने कभी सोचा कि हमारे सपने जो कभी हमारे लिए एक ताक़त होते थे, कभी हमारे लिए जिन्दगी जीने का मकसद हुआ करते थे उन्हें भुला देना क्या हमारे सपनों या यूँ कहें हमारे खुद के साथ अन्याय तो नहीं है?
माना कि तेरी जिन्दगी में
और भी कई काम हैं,
पर हमें भुलाने का
ये जुल्म तो न कर.
मंजिलें भूल जाते हैं,
रास्ते भटक जाते हैं,
जिंदगी की कशमकश में
ये ख्वाब ही तो हैं
जो बुरे वक़्त में भी याद आते हैं.
अपने सपनों को हकीकत में बदलना
आप के सपने आपके लिए एक ताकत, एक हौसला बन सकते हैं. आपके सपने हकीकत बन सकते हैं. अपने सपनों को साकार करें.
दोस्तों, आप के सपने आपके लिए बड़े काम के हैं. आप अपने अच्छे, कामयाबी के और तरक्की के सपनों को अपनी आँखों से ओझल न होने दें. आप के कई सपने ऐसे हैं जो आप ने बड़ी शिद्दत के साथ देखे थे. एक समय था जब आप अपने सपनो को साकार करने के लिए जी जान से सोचते थे.
कई सपनों के लिए आपने बड़ी मेहनत की थी. आप कामयाबी को पा सकते हैं. तरक्की आप के लिए असंभव नहीं है. जब आप अपने सपने सच कर सकते हैं तो फिर पीछे मुड़ना क्यों? आज वक्त है तो प्लानिंग बनायें और अपने सपनों को साकार करें.
जिंदगी जब आप को निराश करे तो ऐसे लोगों के बारे में सोचें जिन्होंने मुश्किल हालातों में भी कामयाबी पाई. अगर आप सफल व्यक्तियों की कहानियां पढेंगे तो आप को ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जहाँ उन्होंने मुश्किल हालातों में ही सफलता पाई.
जब इतने सारे लोग इस तरह सफलता या कामयाबी पा सकते हैं तो आप क्यों नहीं? आप सफलता पा सकते हैं तो अपने सपनों को साकार अवश्य करें.
असंभव से संभव की ओर
दोस्तों असंभव शब्द को तो कई लोगों ने अपनी जिंदगी से ही delete कर दिया. आप के अच्छे सपने आपकी कामयाबी की प्रतीक्षा में हैं. आप अपने सपनों को सिर्फ सपना ही न समझें. आप के सपने आप के लिए हकीकत सकते हैं.
अपने सपनों को साकार करें. Make your dreams true.
अपने सपनों को अपनी आँखों से ओझल न होने दें. खुदा उनकी मदद करता है जो अपनी मदद खुद करते हैं.
आप अपने सपनों को साकार करने के लिए एक रूपरेखा बनाईये, एक proper planning करें और उम्मीद का दामन कभी न छोड़ें. कभी आपको यह न सोचना पड़े कि मैं ये कर सकता था उअर नहीं कर पाया. अगर आप कर सकते हैं तो अपने सपनों को साकार अवश्य करें.
सपनों को साकार करें
Dreams are yours. अपने सपनों को साकार करें. हो सकता है कल आने वाला कल कहे कि आओ मैं तो इस पल का कब से इंतजार कर रहा था.
इस हिंदी पोस्ट में व्यक्त विचार मेरे अपने हैं. इस पोस्ट पर आपकी टिप्पणियों की प्रतीक्षा रहेगी. “Apne Sapno Ko Sakar kare” ये पोस्ट आपको पसंद आये तो इसे अपने फेसबुक दोस्तों और चाहने वालों तक अवश्य साझा करें.
अनिल साहू.
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