पूरी कहानी पढ़ें:

महात्मा जी कि बात मानकर उसी दिन से सर्प ने अपने फन और फुसकार द्वारा लोगों को डराना शुरू कर दिया, इससे लोगों ने उसे परशान करना बंद कर दियाऔर सर्प सुखी जीवन जीने लगा.
शिक्षाप्रद कहानी से शिक्षा
दोस्तों, इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि आज के जमाने में बहुत अधिक सीधे बने रहने का समय नहीं है क्योंकि सीधे आदमी को हर कोई परेशान करता है.
जो आदमी लोगों में अपना थोडा बहुत डर या भय बना कर रखता है लोग उससे डरते हैं, उसे परेशान नहीं करते और वो व्यक्ति सुखी रहता है.
सादगी ऐसी भी ना हो कि लोग आपको उल्लू बना कर लूट लें.
सादगी और जीवन
Friends, इस Hindi Motivational Story का अभिप्राय ये है कि अति हर चीज की बुरी होती है. बहुत अधिक सीधापन या सादगी भी कई बार हमें ले डूबती है. जहाँ जिस तरीके से व्यवहार करने की जरुरत हो वैसे व्यवहार करना चाहिए.
कहीं ऐसा न हो कि लोग आपकी सज्जनता और भलमनसाहत को आपकी मुर्खता और बेवकूफी समझ कर आपका नाजायज फायदा उठा रहे हों. अगर ऐसा है तो आप तुरंत सावधान हो जाईये और अपनी सज्जनता और भलमन साहत का दूसरों को गलत उपयोग ना करने दीजिये.
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प्रेरणादायक
shresht
आपका हार्दिक स्वागत है.
धन्यवाद.
wah……….
Thanks 🙂
Very good story. Completely agree- one who remains innocent and good is always misbehaved and exploited by others. So a tough exterior acts like protective cover.
Thanks for sharing this Anil ji! 🙂
Thanks again Amrita Ji to reading and visiting this blog.
बढ़िया कहानी…
Very nice , motivational
जी, बहुत-बहुत धन्यवाद.
Ver Nice Story From http://hindimind.in
अछि कहानी है. इस तरह की कहानियां लोगों को सभय बन्ने में मदद करती हैं.
Thanks.
बहुत अच्छी कहानी….
कहानी पसंद करने के लिए आभार अमूल जी.
पारुल जी, आपके प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद.
aapki yah kahani padhkar bahut achha laga.
nice stroy sir
[email protected]
धन्यवाद..
सादर
सादर
धन्यवाद.
Badhiya Post Prabhu…
Ji, Shukriya aapka.
बिलकुल सही कहा अनिल जी ,हमे इतना भी नर्म नहीं बनना चाहिए कि लोग हमें ही नुकसान पहुंचाने लग जाए। इसीलिए तो चाणक्य जी कह गए कि सांप अगर जहरीला न भी हो तो भी उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए।
सही बात कही है निखिल जी.
आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद.
Nice Story