Budhwar Shayary ke naam बुधवार की शायरी.
Khamoshi par Shayary
ख़ामोशी से भी नेक काम होते हैं.
मैंने देखा है पेड़ों को भी छाँव देते हुए.
बुधवार शायरी शुभ बुधवार सुप्रभात
रिश्ते विश्वास के होते हैं. अगर विश्वास हो तो पराये भी अपने हो जाते हैं. लेकिन विश्वास न हो तो अपने भी छोड़ जाते हैं.
आज के इंसान को न वादे पसंद हैं और न कायदे पसंद हैं. उसे तो बस अपने फायदे पसंद हैं.
Lovely Budhwar Shayary
चाहे हजारों लोग प्यार के मैसेज करें, पर दिल को सुकून तभी मिलता है जब किसी अपने का मैसेज आये.
साथ छोड़ने वालों को तो बस बहाना चाहिए. निभाने वाले तो मौत के दरवाजे तक साथ नहीं छोड़ते.
कभी-कभी इंसान सच में थक जाता है खामोश रहते-रहते, दर्द सहते-सहते. उम्मीदें रखते-रखते, रिश्ते निभाते-निभाते. कुछ रिश्तों को दर्द होते हुए भी सम्भालना पड़ता है.
कभी-कभी हम किसी के लिए उतना जरूरी नहीं होते जितना हम समझते हैं.
गलती होने पर साथ छोड़ने वाले बहुत होता हैं. गलती होने पर समझा कर साथ निभाने वाले कम मिलते हैं. कुछ लोग हीरे कि तरह होते हैं जो खुद भी असली हैं और हमें भी असली बना देते हैं.
जिंदगी से दूर….
दर्द हमेशा अपने ही देते हैं. गैरों को क्या पता कि आप को तकलीफ किस बात से मिलती है.
जिसके दिल में रब है उसके पास सब है.
आपकी परवाह कौन करता है
जब कोई आपकी कदर न करे तब उसकी जिंदगी से दूर चले जाना ही अच्छा है.
जिनको गुस्सा जितना आता है वो लोग उतने ही प्यार करने वाले होते हैं.
प्यार की किताब में ऐसा होता है.
जो अक्सर लड़ता रहता है, ज्यादा परवाह वही करता है.
मुझे नहीं परवाह के लोग क्या कहते हैं.
मैंने कभी किसी का बुरा चाहा ही नहीं.
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Subh Prabhat Good Morning.
आपका दिन शुभ हो.
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