एक समय था जब भारत में 'इंटरनेट' का बड़ा जलवा था. आज तो इंटरनेट हमारे जीवन का किसी न किसी रूप में एक हिस्सा सा बन गया है. मगर इंटरनेट के शुरूआती दौर में इसका रोमांच और लोकप्रियता कुछ अलग ही थी. भारत में इंटरनेट का शुरूआती दौर युवाओं के लिए बहुत ही ज्यादा रोमांचकारी था. शहरों में बाकायदा नेट-कैफे खुले थे जिन पर लोग बाग़ इंटरनेट चलाने जाते थे.
Yahoo! वाला समय
उस समय याहू पर चैट करने का मजा ही कुछ और था. तब ये बहुत ही विस्मयकारी समझा जाता था कि इंटरनेट एक जादुई दुनिया की तरह है जहाँ आप याहू पर कुछ भी टाइप करो, मनचाही जानकारी आपके सामने होगी. इसके बाद एक समय आया कि नेट कैफ़े पर भीड़ कम होने लगी और कुछ लोग कहने लगे कि अब तो internet की लोकप्रियता घट गई. समय बदला धीरे धीरे इंटरनेट साइबर कैफे से निकल कर लोगों के घरों में कंप्यूटर के माध्यम से आया. फिर मोबाइल पर इंटरनेट की खबर सुनाई दी. बड़ी उत्सुकता हुई कि ऐसा कैसे हो सकता है? और अगर ऐसा हो तब तो मजे ही मजे हैं. धीरे-धीरे इंटरनेट कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल फोन के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचा.
Blog का शुरूआती जमाना गजब का लोकप्रिय था
वेबसाइट के बाद लोगों को ब्लॉग शब्द सुनाई दिया.इंटरनेट पर वेबसाइट और ब्लॉग बनाना आसान हुआ. कई websites आईं जिन्होंने मुफ्त ब्लागिंग प्लेटफार्म मुहैया कराये जो कि शुरूआती दौर में एक सुन्दर सपना सा लगता था कि काश फ्री में कोई वेबपेज बन जाये जिस पर हम अपनी जानकारी डाल सकें और दूसरे लोगों को हमारे वेबपेज का address दे.
आज के दौर में इंटरनेट ने घर घर तक पहुँच बनाई है. वाकई ये अद्भुत लगता है.
इंटरनेट का मायाजाल और हम इसका कितना और कितना सही इस्तेमाल कर पाते हैं ये हमें निश्चय करना है.
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1 टिप्पणियाँ
This is the tech age & Internet has made life easy. How we use it is up to us.
Thanks for your nice words on my blog :)